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मालदीव भारत से कब अलग हुआ, मालदीव और भारत के संबंधों का इतिहास

मालदीव और भारत का संबंध प्राचीन काल से ही रहा है। हिंद महासागर के मोतियों की माला, मालद्वीप, भारत का एक पड़ोसी देश है। दोनों देशों के बीच सदियों पुराने संबंध हैं जो सांस्कृतिक, भौगोलिक और राजनीतिक स्तरों पर गहरे हैं। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम भारत और मालद्वीप के संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर नज़र डालेंगे, जिसमें इतिहास, व्यापार, सुरक्षा, पर्यटन और चुनौतियां शामिल हैं –

मालदीव भारत से कब अलग हुआ

भारत के लोग मालदीव को अपने देश के एक अहम् हिस्सा मानते हैं, ऐसा भारत और मालदीव के प्रगाढ़ संबंधों की वजह से है। हालाँकि ऐतिहासिक रूप से देखें मालद्वीप पर अंग्रेजों का कब्ज़ा सन 1796 से था। 1965 में मालदीव को ब्रिटिश शासन से आजाद हुआ और एक नए देश के रूप में माना गया।

भारत और मालद्वीप के बीच सन 2008 तक बेहद अच्छा सम्बन्ध रहा। इसके बाद रिश्तों में समय समय पर कुछ सवाल उठे हैं। वर्तमान में मालद्वीप के नए राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू के बयानों के चलते दोनों देशों के संबंधों में कुछ खटास आई है।

मालद्वीप से जुड़े फैक्ट्स –

स्वतंत्रता तारीख: 26 जुलाई 1965, कारण: ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता

1988: भारत ने मालदीव में तख्तापलट को रोकने के लिए सैन्य हस्तक्षेप किया।

2004: हिंद महासागर में सुनामी के बाद भारत ने मालदीव को सहायता प्रदान की।2018: भारत ने मालदीव में एक पुल का निर्माण किया।

मालदीव और भारत के संबंधों का इतिहास:

प्राचीन काल में –

  • व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान हुआ
  • बौद्ध धर्म का प्रभाव हुआ
  • भारत से मालदीव में राजाओं की नियुक्ति

मध्यकाल में –

  • इस्लाम का आगमन
  • पुर्तगाली और डच शासन
  • भारत से सहायता

आधुनिक काल में –

  • 1796 से ब्रिटिश शासन
  • 1965 में मालदीव की स्वतंत्रता
  • भारत द्वारा मालदीव को मान्यता
  • दोनों देशों के बीच मजबूत संबंध
  • भारत द्वारा मालदीव को आर्थिक और सैन्य सहायता

मालदीव और भारत के संबंधों की विशेषताएं:

  • भौगोलिक निकटता: मालदीव भारत के दक्षिण-पश्चिम में स्थित है।
  • सांस्कृतिक समानता: दोनों देशों में समान भाषा, धर्म और संस्कृति है।
  • आर्थिक सहयोग: भारत मालदीव का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है।
  • सुरक्षा सहयोग: भारत मालदीव की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

मालदीव और भारत के संबंधों का भविष्य:

भारत के लिए मालदीप, भौगोलिक और सुरक्षा दृष्टिकोण से अहम् है अगर वर्तमान विवादों से सम्बन्ध ख़राब नहीं होते तो –

  • दोनों देशों के बीच संबंध मजबूत बने रहेंगे।
  • व्यापार और सहयोग बढ़ेगा।
  • सुरक्षा सहयोग जारी रहेगा।

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