तुलसी विवाह का समय आ गया है, इस समय हिन्दू धर्म में लोगों द्वारा तुलसी माता को सम्मान व प्रसन्न करने के लिए एकादशी के दिन पूंजा करते हैं. इस पोस्ट में हमने हिन्दू मान्यताओं के अनुसार पूंजा कैसे होती है इसकी डिटेल बताई है –
एकादशी के दिन तुलसी की पूजा विधि
एकादशी के दिन तुलसी की पूजा करना बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन तुलसी के पौधे को माता लक्ष्मी का रूप माना जाता है और उसकी विधिवत पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
पूजा की सामग्री
- तुलसी का पौधा
- गंगाजल
- पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और मिश्री)
- फूल
- धूप
- दीप
- नारियल
- सुपारी
- कुंकुम
- अक्षत
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पूजा विधि
- सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- पूजा स्थल को साफ-सुथरा कर दें।
- तुलसी के पौधे के सामने एक चौकी लगाएं और उस पर गंगाजल छिड़क दें।
- चौकी पर तुलसी के पौधे के साथ-साथ भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र भी रखें।
- भगवान विष्णु को गंगाजल से अभिषेक करें।
- भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें।
- तुलसी के पौधे को अक्षत, कुंकुम, सुपारी और नारियल अर्पित करें।
- तुलसी के पौधे को पंचामृत से स्नान कराएं।
- तुलसी के पौधे के सामने धूप और दीप जलाएं।
- तुलसी के पौधे के सामने भगवान विष्णु की आरती करें।
- तुलसी के पौधे को प्रणाम करें।
पूजा के बाद
पूजा के बाद तुलसी के पौधे को जल अर्पित करें और उसकी परिक्रमा करें।
एकादशी व्रत
यदि संभव हो तो एकादशी के दिन व्रत रखें। व्रत के दौरान केवल फलाहार करें।
एकादशी व्रत का महत्व
एकादशी का व्रत बहुत ही पुण्यदायी होता है। इस दिन व्रत रखकर तुलसी की पूजा करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
तुलसी के पौधे का महत्व
तुलसी को हिंदू धर्म में बहुत ही पवित्र माना जाता है। तुलसी के पौधे में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का वास माना जाता है। तुलसी के पौधे को घर में लगाने से घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
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