आजकल लोग अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्सनल लोन लेते हैं। लेकिन कई बार ऐसा भी होता है कि समय पर लोन चुकाना मुश्किल हो जाता है। तो आइए समझते हैं कि अगर आपने पर्सनल लोन लिया है और उसे समय पर नहीं चुका पाते हैं, तो इसका क्या असर पड़ सकता है।
1. ब्याज और पेनल्टी बढ़ सकती है
जब आप लोन की EMI (मासिक किस्त) समय पर नहीं चुकाते, तो बैंक या फाइनेंस कंपनी उस पर जुर्माना लगाती है। इसका मतलब है कि जितना समय आप चुकाने में देर करेंगे, उतना ही ब्याज बढ़ता जाएगा। इससे लोन की कुल राशि काफी ज्यादा हो सकती है।
2. क्रेडिट स्कोर खराब हो सकता है
लोन न चुकाने पर आपके क्रेडिट स्कोर पर असर पड़ता है। आसान शब्दों में कहें तो, यह एक ऐसा स्कोर होता है जिससे बैंक समझते हैं कि आप लोन चुकाने में कितने भरोसेमंद हैं। अगर आपका स्कोर कम है, तो भविष्य में लोन लेना मुश्किल हो सकता है, और अगर लोन मिलता भी है, तो उस पर ब्याज दर काफी ज्यादा हो सकती है।
3. बैंक की रिकवरी टीम से कॉल्स आएंगी
अगर आप समय पर लोन नहीं चुकाते, तो बैंक की रिकवरी टीम आपको बार-बार फोन, मैसेज या कभी-कभी मिलने भी आ सकती है। उनका काम है कि वो आपसे लोन की किस्त लेने की कोशिश करें। अगर आप फिर भी नहीं चुकाते, तो बैंक कुछ समय बाद कलेक्शन एजेंसी को आपका केस दे सकता है, और फिर कलेक्शन एजेंसी आपसे रिकवरी की कोशिश करेगी।
4. कोर्ट का मामला बन सकता है
अगर बहुत ज्यादा समय तक आपने लोन नहीं चुकाया, तो बैंक या फाइनेंस कंपनी कोर्ट में मामला दर्ज कर सकती है। कोर्ट आपके खिलाफ आदेश दे सकती है, और फिर आपको कोर्ट के जरिए अपना लोन चुकाना पड़ सकता है।
5. गिरवी रखी संपत्ति पर असर हो सकता है
अगर आपने लोन लेने के वक्त कोई गारंटी या संपत्ति गिरवी रखी थी, जैसे जमीन, गहने या कोई और चीज़, तो बैंक उसे जब्त कर सकता है। बैंक उस संपत्ति को बेचकर आपकी लोन की राशि की भरपाई कर सकता है।
6. मानसिक तनाव बढ़ सकता है
लोन का बोझ समय पर ना चुकाने से मानसिक तनाव बढ़ सकता है। बार-बार कॉल्स आना, कोर्ट का डर, और ब्याज का बढ़ता बोझ आपके दिमाग पर बुरा असर डाल सकता है।
क्या करें?
अगर आपको लगता है कि आप लोन की EMI समय पर नहीं चुका पाएंगे, तो बैंक से संपर्क करें। बैंक से बात करके आप लोन रीशेड्यूल या EMI कम करवाने की कोशिश कर सकते हैं।
याद रखें: लोन चुकाना जितना जल्दी हो सके, उतना अच्छा है। समय पर लोन चुकाने से आपको भविष्य में लोन मिलने में आसानी होती है और मानसिक शांति भी रहती है।